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यौगिक डाइट शरीर के साथ – साथ विचार और मन को बेहतर करती है..!



योगियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले डाइट प्लान को यौगिक डाइट कहते है। ऐसा माना जाता है कि, यह डाइट शरीर के साथ-साथ विचार और मन को बेहतर करती है। इस डाइट प्लान में किसी भी प्रकार का मांसाहारी खाद्य पदार्थ शामिल नहीं होता है।

भोजन को तीन अलग-अलग भागों में बांटा गया है, सात्विक, राजसिक व तामसिक आहार। यौगिक डाइट में ऐसे भोजन को शामिल किया जाता है, जिसे व्यक्ति के तन और मन को शुद्ध, शक्तिवर्धक, स्वस्थ और प्रसन्नता से भर देता है।

मिताहार- इसका मतलब है सीमित आहार। जितना भोजन लेने की आवश्यकता है उससे थोड़ा काम ही लें और साथ में भोजन में मिलने वाले तत्व भी सीमित मात्रा में हों।

=पथ्यकारक- भोजन पुष्टीकारक व सुपाच्य हो। गेहूं, चावल, जौ, दूध-दही, मक्खन, शहद, फल व हरी सब्जियां आदि।

अपथ्यकारी- ऐसा भोजन जिसके सेवन से तामसिक गुणों की उत्पत्ति होती है। कड़वा, मसालेदार, लहसुन, मांस आदि।

भोजन के चयन में ये बाते ध्यान रखें 

  • साबूत अनाज चुने जैसे भूरे चावल, जी, बाजरा।
  • जूस की जगह ताजे फल और सब्जियां खाएं। प्रसंस्कृत तेल उपयोग में न लें। फल, सलाद, नट्स कच्चे ही खाएं।
  • इस आहार के फायदे
  • ऊर्जावान रखने में मदद करता।
  • शरीर के पाचन तंत्र को मजबूती देता।
  • मेटाबॉलिज़्म संतुलित रखता।

हर उम्र के लिए योग

  • योग स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरुरी है। इसे करने से हम कई सारी बीमारियों से खुद का बचाव कर पाते हैं। महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को इसे रूटीन में शामिल करना चाहिए।
  • बनाएं दिनचर्या का हिस्सा, बने निरोगी ।

बचों के लिए

  • भ्रामरी प्राणायाम ब्रेन को सक्रिय करता है।
  • बच्चों के लिए भस्त्रिका और भ्रामरी प्राणायाम अच्छे हैं। सर्वांगासन, शीर्षासन, शशांकासन बच्चों के लिए लाभदायक है। सर्वांगासन और शीर्षासन किसी की निगरानी में करना ठीक रहेगा। उत्कटासन, शशांकासन, भ्रामरी प्राणायाम बच्चों के ब्रेन को एक्टिवेट करने के लिए बेहतर हैं। बच्चों को ताडासन विशेष रूप से करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि, योग प्रशिक्षक की मदद से ही उन्हें आसान का चयन करना चाहिए।

फायदे : योग बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है। मस्तिष्क एक्टिवेट होने से याद्दाश्त तेज होती है।

बुजुर्गों के लिए

  • शीतली व शीतकारी प्राणायाम करें ।
  • बुजुर्गों के लिए भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, शीतली और शीतकारी प्राणायाम गर्मियों में बहुत अच्छा है। उज्जायी प्राणायाम बुजुर्गों के लिए कारगर है। इसे करना भी सरल है। मुष्टिका बंधन हाथों के लिए बहुत अच्छा है। पवनमुक्तससन, सेतुबंधासन, मर्कटासन व अर्धहलासन दीवार के सहारे से किए जाते है।

फायदे: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। जोड़ सही तरीके से काम करने लग जाते है।

महिलाओं के लिए

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में पेल्विक फ्लोर कमजोर हो सकता है। उसके लिए कुछ आसान करे।

बद्धकोणासन

महिलाओं के लिए यह सबसे अच्छा आसान हैं। सुखासन में बैठे और कमर व गर्दन सीधी रखें।दोनों पैरों के तलवों को मिलकर जांघों की ओर लेकर आएं। हाथों से दोनों पंजों को पकड़े। अब श्वास लेते हुए दोनों घुटने ऊपर लाएं और श्वास छोड़ते हुए नीचे लेकर जाएं। ये अभ्यास 15-20 बार दोहराएं। इससे किडनी सक्रिय होती है। पीसीओडी में लाभदायक है।

शकभासन

पेट के बल मकरासन में लेट जाएं। दोनों हथेलियों को दोनों जांघों के नीचे रखें। फिर सांस लेते हुए दोनों पैरों को अपनी क्षमता के अनुसार ऊपर उठाएं। एक मिनट रोकें और पुन;सांस छोड़ते हुए नीचे लाएं । यह प्रजनन अंगों को मजबूती देता है। किडनी, ब्लेडर व पेट के अंदर अन्य अंग सक्रिय होते हैं। इसे हर्निया व स्लिप डिस्क के रोगियों को नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था में नहीं करे।

उष्ट्रासन

वज्रासन में बैठकर दोनों घुटनों पर खड़े हों। सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर से लेकर जाते हुये पीछे दोनों हाथों को सिर के ऊपर से लेकर जाते हुए पीछे दोनों एड़ियों छोड़ते हुए हाथों को ऊपर लाएं और शशांकासन में बैठ जाएं। यह प्रजनन अंगों को मजबूत बनाता है।

सुंदरता बनाए रखने के लिए

सुंदरता बनाए रखने के लिए तनावमुक्त जीवनशैली रखें। चेहरे पर ग्लो लाने के लिए शशांकासन, सर्वांगासन, हलासन और त्रिकोणासन करना चाहिए। कुछ प्राणायाम जैसे नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम करें।