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अपने पेट को सुडौल इन तौर तरीकों से बनाएं रखिए, राहत मिलेगी..!

 

जरूरत से ज्यादा बढा हुआ पेट सौन्दर्य का बाधक तो है ही, उसके बढ़ने से शरीर के दूसरे अंग भी बेडौल हो जाते ह, आधुनिक युग में फैशन कुछ इस तेजी से बदलते रहते हैं कि आप उनके साथ चल पट्टी है या नहीं, यह पूरी तरह अलग बात है, लेकिन अगर आपका शरीर सुडौल है तो किसी भी फैशन को बेखटके अपनाने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी, वस्तुत:शरिर को सही स्थिति में न रखने के लिए आपकी ढीली मांसपेशिया और बढ़ी हुई चरबी ही जिम्मेदार होती है।

गलत अवस्था में शरीर को ढाले रखने से भी पेट बढा हुआ प्रतीत होता है , इसलिए ऐसी आदत बना लीजिए कि आपका शरीर हर समय सहीं अवस्था में रहे-न अपने कंधों को आप झुका कर रखें और न साइन को ज्यादा तान कर। सच बात यह है कि पेट के व्यायाम की कुंजी ही यह है की, अपनी मांसपेशि यों को सही रूप में सिकोड़ने और फिर ढील छोड़ने की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में आपकी सहज आदत बन जाएगी और उससे आपको असीमित लाभ होगा।

पेट शरीर का एक ऐसा भाग है जहां चरबी इकट्ठा हो जाती है। जरा भी वजन बढा की पेट को भी वह तत्काल अपने घेरे में ले लेता है। जब आप अपना वजन घटाने का प्रयत्न करें तो साथ ही पेट की मांसपेशियों के व्यायाम की प्रक्रिया भी शुरू कर दें, अगर ऐसा नहीं होता तो आपके पेट की चरबी किंचित कम नहीं हो पाएगी, और इस अभ्यास को आप न केवल अपना दैनदिन कार्यक्रम बना लें, बल्कि हर समय उसे नियमित रूप से करती रहे। पेट की नाप लेने के लिए एक फीता भी आप निरंतर अपने पास रखें , वैसे अगर उस दिशा में आप सचमुच कोई प्रगति कर रही है। तो आपका अपना आईना ही उसकी पुष्टि कर देगा-फिटे की कोई जरूरत ही नहीँ रहेगी। अब पेट को सुडौल रखने में सहायक कुछ व्यायामों के बारे में भी जान लीजिए।

एक के बाद एक पैर उठाने को व्यायाम

इस व्यायाम से पेट की मांसपेशिया सुगठित होती हैं। व्यायाम को करने के लिए पहले व्यायाम की तरह ही जमीन पर चित्त हो कर लेट जाइए, हाथों को दोनों तरफ सीधा रखिए और पैरों को उनसे अलग। अब बाएं पैर को ऊपर उठाइए और साथ ही साथ अपनी गर्दन को भी, फिर अपने दाहिने हाथ से बाएं पैर को पकड़िए इसी तरह फिर दायाँ पैर ऊपर उठाइए और उसे बाएं हाथ से पकड़िए। इस क्रिया को कम से कम दस बार दुहराना आवश्यक हैं।

बाइसिकल व्यायाम

इस व्यायाम से आपके पेट की चरबी तो कम होगी ही, साथ ही साथ आपका पेट सीधा और सुडौल भी हो जाएगा। इस व्यायाम को करने के लिए जमीन पर चित्त होकर लेट जाइए और अपने हाथों को कंधों की सिद्ध में फैलाइए, इसके उपरांत अपने एक पैर को जमीन से थोड़ा ऊपर उठाते हुए पच्चीस-तीस बार साइकिल के पैदल की तरह उस पैर को चलाइए।

सीधा-सादा उठना-बैठना

पेट के सारे व्यायामों में यह व्यायाम सबसे सरल है। इसके लिए जमीन पर चित्त होकर लेट जाइए। हाथों को सीधा सिर के ऊपर रखिए और पैरों को उसी तरह सीधा रखते हुए धीरे-धीरे उसे जमीन से उठाइए ।अब हाथों को सिर के ऊपर उसी तरह रखिए। अब हाथों को सिर सिर के ऊपर उसी तरह रखिए। इसके बाद धीरे पैरों को सीधा रखते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को छूने का प्रयत्न कीजिए।

कोहनियों का व्यायाम

इस व्यायाम के लिए पेट के बाल कोहनियों पर टिक कर लेट जाइए। धीरे-धीरे शरीर को जमीन से ऊपर उठाइए और इस क्रिया में अपना सारा बोझ अपनी कोहनियों पर ही लिए रहिए। शरीर को बिल्कुल सीधा रखिए। बैठक ऊपर न उठाने पाए, इसका ध्यान रखना जरूरी है। इसी तरह शरीर को भी बीच से नहीं मुड़ना चाहिए। इसी स्थिति में कुछ देर रहिए और फिर धीरे-धीरे शरीर को नीचे ले आइए। इस क्रम को प्रतिदिन कम से कम दस बार दुहराना आवश्यक है। यह तो हुई व्यायाम की बात।