हमारी रसोई में काम में ली जाने वाली सबसे पसंदीदा चीज है, मेथी। चाहे हम मेथी के पत्तों की बात करें या फिर उसके बीजों की। धीरे-धीरे ये पत्तें खुलती जा रही है की हम अपने खाने में परंपरा से जिस भी मसालों का प्रयोग करते हैं, उसके पीछे ज्यादातर चिकित्सकीय कारण है। मेथी के बीजों का प्रयोग हम आम के अचार में खासतौर पर करते हैं और मेथी पराठे, वाह !
एशिया महाद्वीप के एक कोने से दूसरे कोने तक अलग-अलग संस्कृतियों में मेथी को रोजमर्रा के खाने में शामिल किया जाता है। इसमें विशेष तरह के तेल, विटामिनस्, मिनरल के साथ शरीर को स्वस्थ रखने वाले कई दूसरे तत्त्व होते हैं। मेथी में कुछ ऐसे तत्त्व होते हैं, जो मोटापे और मधुमेह से लडने में कारगर होते हैं। हाल ही में शोध ने यह सिद्ध किया है की, यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभप्रद है। मेथी दाने को गलाकर उसका पानी या फिर कैप्सूल के रूप में इसका प्रयोग मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा है। मोटापे के शिकार लोगों के लिए भी यह बहुत कारगर है, क्योंकी यह फैट सेल्स से लडती है और शरीर का वजन कम करती है।
इसके पत्ते और दानों के साथ ही उसका तना भी खाने में प्रयुक्त किया जा सकता है, लेकिन यह स्वाद में बहुत कडवा होता है। कढी में मेथी के पत्तों का विशेष उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इसे लीवर की समस्या, खासतौर पर पीलिया के दौरान उपयोग करने की सलाह दी गई है। यह बढते बच्चों और बडों दोनों के लिए भी अच्छी होती है। नवजात बच्चे की मां को भी मेथी दी जाती है। क्योंकी, इससे दूध बनने की प्रक्रिया तेज होती है। यह उदर-वायु और अजीर्ण को दूर करती है और आंतो को सक्रिय बनाती है। मेथी के पत्तों को चबाने से पेट हमेशा अच्छा रहता है और इससे गैसेस की समस्या भी कम होती है।