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बरसात के मौसम में पैरों और एडियों पर खास ध्यान दें।


 

बरसाती मौसम जहाँ सभी के दिलों को सुकून देता हैं। वहीं यह मौसम बहुत सारी बीमारीयों को भी न्योता देता हैं। इस मौसम में पैरों की समस्या आमतौर पर देखने को मिलती हैं। इसलिए इस मौसम में अपने पैरों की देखभाल पर विशेष ध्यान दें। यह बहुत आसान भी है, लेकिन कुछ वक्त तो आपको ही देना होगा। बरसात के मौसम में पैरों की देखभाल जरूरी हैं। इसके लिए थोडासा समय जरूर निकालें। अपने पैरों को गुनगुने साबुन वाले पानी से साफ करें। इसके बाद इन्हें ठंडे पानी से धोएं। पैरों को सुखे तौलिए से सुखाने के बाद फुट क्रिम लगाकर मसाज भी दें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, पैर मैले न रहें। समय-समय पर पैरों को धोते रहें। मैली जुराबों का प्रयोग न करें। यदि आप घर पर ही पैडीकेयर कर रहे हैं, तो आपको यह ध्यान रखना होगा की, आप जो उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं। वे आपके पैरों को सूट कर रहे हैं या नहीं। पैरों को स्टोन से अच्छे से रगडकर साफ करना चाहिए। उंगलियों के बीच में विशेष सफाई करें। इस मौसम में एडियों को खासतौर पर रगडकर साफ करना चाहिए। सोने से पहले अच्छे से पैर धोकर ही बिस्तर पर जाएं। इसके साथ ही मॉइश्‍चराइजर भी अवश्य लगाएं। ताकि पैर नरम रहें। इस मौसम में नाखून भी ज्यादा लंबे नहीं रखने चाहिए। लंबे नाखून भी कई बीमारीयों को न्योता देते हैं। नाखूनों में गंदगी जमा हो तो, बैक्टीरीया को निमंत्रण देते हैं। कभी ऐसा लगे कि, पैरों में सूजन आ रही हैं, तो फिटकरी के गर्म पानी में करीब 15 से 20 मिनट तक पैरों को डुबोकर रखें। यदि पैरों में ज्यादा सूजन हो तो एक सप्ताह में करीब 3 या 4 बार अवश्य ऐसा कर लें। इससे निश्‍चित ही पैरों की सूजन को आराम मिलेगा। यदि ज्यादा दिन तक आराम न हो तो डॉक्टर की सलाह लें। ज्यादा देर तक बारिश के पानी में पैर रहने से मोटे-मोटे दाने निकल आते हैं।

यह देखने में छोटे लगते हैं, लेकिन मांस के अंदर गांठ बन जाती हैं, तो काफी दर्द देते हैं। पैर नीचे रखते ही यह बहुत ज्यादा चुभते हैं, फोडें फुसियों की शुरूआत होते ही, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है। इन टिप्स को अपनाकर आप पैरों को तरोताजा एवं निरोगी रख सकते हैं।