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लेजर थेरेपी क्या है : Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation

मेडिकल फील्ड में बड़े स्तर पर लेजर थेरेपी का उपयोग इलाज के लिए किया जाता है। फिजियोथेरेपी विभाग में भी लेजर थेरेपी (Laser in physiotherapy) का महत्व है। कई तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए लेजर थेरेपी की मदद ली जाती है।तो चलिए आपको इस आर्टिकल में हम बताते हैं कि लेजर थेरेपी क्या है, तथा लेजर फिजियो थेरेपी (laser physiotherapy)के बारे में हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। इसके तहत हम लेजर थेरेपी के इंडिकेशन, कॉन्ट्रा इंडिकेशन इत्यादि के बारे में भी बात करेंगे।

फिजियोथेरेपी में लेजर

यहां लेजर एक प्रकार का लाइट है जो कि एक मशीन के द्वारा निकलता है इसी लाइट का उपयोग फिजियोथेरेपी में कई अलग अलग तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। आमतौर से Laser physiotherapy में musculoskeletal condition से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

लेजर कई अलग- अलग शब्दों से मिल कर बना है।लेजर का फुल फॉर्म LASER वास्तव में L.A.S.E.R से मिल कर बना है। इसका फुल फॉर्म Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation होता है। Physiotherapy में लेजर थेरेपी को Photobiology या Bio stimulation के नाम से भी जाना जाता है।

लेजर थेरेपी का उपयोग

ऐसा माना जाता है कि लेजर कनेक्टिव टिशु के फंक्शन को इफेक्ट करता है। इसके अलावा यह कनेक्टिव टिशु के रिपेयर को भी बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि लेजर एक anti-inflammatory एजेंट की तरह काम करता है। लेजर का वेवलेंथ 632 से 904 nm तक होता है। इसी वेवलेंथ का उपयोग विभिन्न musculoskeletal disorders treatment के लिए किया जाता है।

आमतौर से लेकर का उपयोग दर्द से आराम के लिए किया जाता है इसका उपयोग करने से टिशू का डिजेनरेशन काफी तेजी से होता है। इसके अलावा इन्फ्लेमेशन कम करने के लिए भी इसका उपयोग होता है।

लेजर कहाँ उपयोग किया जाता है

लेजर का उपयोग कई अलग अलग तरह की बीमारियों में किया जाता है इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित बीमारियां शामिल है -

  • घुटने, कूल्हे तथा एंकल का ऑस्टियोअर्थराइटिस
  • रह्युमेटोइड अर्थराइटिस
  • TMD की स्थिति में
  • Hip या कंधे की बर्साइटिस में लो बैक डिस्क डिजेनरेशन में
  • Disc herniation में
  • Sciatica की स्थिति में
  • Neuropathic pain होने पर
  • Tendonitis होने पर
  • Tennis elbow की समस्या में
  • Plantar fasciitis होने में भी इसका उपयोग होता है।

इन कंडीशन्स में लेजर थेरेपी नहीं देना है

एक और जहां कई तरह की बीमारी में लेजर का उपयोग किया जाता है। वहीं कुछ ऐसी बात बीमारी भी है जिसमें गलती से भी लेकर का उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग करते समय काफी सावधानी बरतनी होती है।

  • आंख – कभी भी लेजर को आंख के सामने नहीं लाना चाहिए। अगर लेजर लाइट आंख में जाता है तो बहुत परेशानी हो सकती है। इसलिए लेजर देते समय हमेशा मरीज को आंख ढके रहने के लिए कहे या उस ने चश्मा पहना दे।
  • कैंसर – कैंसर के मरीज में भी लेजर थेरेपी देने से मना किया जाता है.
  • प्रेग्नेंसी – गर्भवती महिलाओं में भी लेजर का उपयोग नहीं करना चाहिए। अगर गर्भवती महिलाओं में लेजर थेरेपी का उपयोग किया जाता है तो संभव है कि महिला को कुछ समस्या होने के साथ-साथ पेट में पल रहे बच्चे को भी समस्या हो सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं में लेजर थेरेपी न दें।
  • Epileptics Patient - इस बीमारी से ग्रसित मरीज को अगर लेजर थेरेपी दी जाती है तो संभव है कि लाइट पड़ने की वजह से मरीज को दौरा पड़ सकता है। इसलिए लेजर थेरेपी देने से पहले यह बात कंफर्म कर ले कि मरीज एपिलेप्टिक नहीं है। और अगर है तो गलती से भी लेजर थेरेपी न दें। आवश्यक होने पर लेजर की बजाय दूसरे विकल्पों का उपयोग करते हुए मरीज का इलाज करें।

कुछ मरीजों में लेजर का उपयोग करने पर कुछ गलत रिएक्शन देखने को मिल सकता है। ऐसे में किसी मरीज में एलर्जी के लक्षण या रिएक्शन देखने को मिलते हैं तो तुरंत लेजर थेरेपी का उपयोग वैसे मरीजों में बंद कर दें।