Latest New

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

फेफड़ों की मजबूती बेहद जरूरी...!


कोविड के हमले में हमें श्वास के प्रति बहुत सजग किया है। जाहिर है कि, फेफडो और सांसों का अतिरिक्त रूप से ख्याल अब बेहद जरूरी हुआ है। इसलिए हम कुछ आसान व्यायाम लेकर आए है। जो फेफड़ों को मजबूती प्रदान करेंगे।

कोविड की दूसरी लहर बहुत बड़ी चुनौतीयां साथ लेकर आई है। संक्रमण की गंभीरता की चपेट में आने पर बहुत बड़ी संख्या में रेस्पिरेटरी फेलियर से या कहे फेफड़ों के खराब हो जाने के कारण अवांछनीय परिणाम देखने को मिल रहे है।

इस समय सभी लोग घरों में हैं और ऐसे में फेफड़ों से जुड़े व्यायाम करना और उन्हें मजबूत करना और भी आसान है, लेकिन जरूरी है कि इन्हें चरणबद्ध तरीके से जाना जाए और किया जाए।

उज्जाई प्राणायाम

पालथी मारकर बैठे और दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें। अब तेज गति से सांस अंदर की और खींचे और फिर तेजी से छोड़े। ऐसा दिन में 10 बार करें। कुछ समय बाद जब अनुभवी हो जाए। तो सांस अंदर भरकर दो से तीन सेकंड तक रोक सकते हैं, और बाहर छोड़ने पर भी 2 सेकंड तक रुक सकते हैं।

ताड़ासन

सीधे खड़े हो जाए और दोनों हाथों को सामने की ओर लाते हुए हथेलियों को आपस में जोडे व उंगलियों को आपस में गूंथ ले। अब हाथों को इसी स्थिति में ऊपर ले जाते समय सांस अंदर ले और शरीर का पूरा भार एडी उठाते हुए पंजों पर रखें। कुछ देर रुकने के बाद हाथों को नीचे लाएं यानी पहले वाली स्थिति में आएं। नीचे आते हूएं सांस बाहर छोड़े। शुरुआत में दिन में तीन-चार बार करें। फिर अभ्यास हो जाने पार पांच से दस बार कर सकते है।

हस्त उत्तानासान

सीधे खड़े हो जाए और अपने हाथों को भी सीधा रखें। अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए सांस अंदर की ओर खींचे। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हाथों को पुनः पहले वाली स्थिति में ले आए। इस आसन को करते समय जब हाथ उठाए,तब पीछे हल्का-सा झुकना है। इस दिन में तीन बार करें और कुछ समय बाद सुविधानुसार 8 से 10 बार कर सकते हैं।

शीतली प्राणायाम

ध्यान की अवस्था में बैठ जाए। अब अपनी दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें। आराम से बैठ जाने के बाद जीभ बाहर निकालकर दोनों सिरों को अंदर की तरफ घुमाए। अब ये एक प्रकार की ट्यूब के आकार जैसा दिखेगा। इस ट्यूब से होते हुए यानी कि मुंह से धीरे-धीरे सांस भरे और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें। इस प्रक्रिया को रोजाना 10 बार करें। इसे करने के लिए अभ्यास की जरूरत होगी।

माइंडफुल ब्रीदींग

किसी एक स्थान पर आराम से बैठ जाएं और खुद से सकारात्मक संवाद स्थापित करने की कोशिश करें। अपने आप स्वस्थ्य रहेंगे। इसके लिए मेडिटेशन म्यूजिक की भी मदद ली जा सकती है।

कोशिश करें दिमाग में किसी तरह के भवउषय या बीते लमहे के विचार न घूमें।

अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित करें। ध्यान बनाए रखने के लिए किसी एक  सकारात्मक शब्द या ॐ के धीमे- धीमे उच्चारण की भी मदद ले सकते हैं।

खामोशी से धीरे-धीरे उच्चारण की भी मदद ले सकते हैं।

यदि ध्यान डगमगाने लगे तो पुन: गहरी सांस के साथ बिना विचलित हुए वर्तमान में अपना ध्याम ले आएं।

पूरी प्रक्रिया के दौरान विचारों से संघर्ष करने के बजाय उन्हें आराम से आने-जाने दें और सांसों की लय के साथ ध्यान केंद्रित रखने की कोशिश करें।