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एक कटोरी दाल खाने से दस ग्राम प्रोटीन की पूर्ति, रोजाना सेवन ...!


दाल भारतीय थाली का अहम हिस्सा है। पोषक तत्वों से भरपूर दाले न केवल शरीर को बीमारियों से दूर रखती है। बल्कि उसे ऊर्जावान भी बनाए रखने में मदद करती है। दालों की प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। जानिए दालों की न्यूट्रीशन वैल्यू और किस किस रूप में दाल खाई जा सकती है। हर साल दस फरवरी को विश्व दलहन दिवस दालों महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है।

अरहर दाल

पोषण तत्व : प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन,मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, फॉस्फरस, कॉपर, सिलेनिय, जिंक और मैग्निज।

प्रयोग विधि : इसे सब्जियों या पालक के साथ भी बनाया जा सकता है। सांभार की तरह बनाकर भी कहा सकते है।

फायदा : वजन नियंत्रित करती डायबिटीज रोगियों के लिए बेहतर। हृदय रोग का खतरा कम।

मूंग दाल

पोषक तत्व : अमीनो एसिड, फायबर, पौटेशियम, फॉस्फरस, जिंक, मैग्नीशयम, कॉपर और मैग्निज

प्रयोग विधि: इसे सब्जियों या पालक के साथ भी बनाया जा सकता है।

फायदा : वजन नियंत्रित करती है। डायबिटीज रोगियों के लिए बेहतर हृदय रोग का खतरा कम।

उड़द दाल

पोषक तत्व : प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी व फाइबर

प्रयोग विधि : इस दाल से दही वडा बनाकर कहा सकते है। उसके अलावा सांभर वादा बना सकते है।

फायदा : हड्डियों की ताकत बढ़ती है। रक्त संचार को बेहतर करती है। शरीर ऊर्जावान बना रहता है।

मसूर दाल

पोषक तत्व: ग्लाइसिमिक इंडेक्स, फाइबर, मैग्नीशियम व कैल्शियम

प्रयोग विधि : चावल के साथ मिलाकर खिचड़ी बना सकते है। पकौड़े बनाए जा सकते है।

फायदा: डायबिटीज रोगियों के लिए असरदार है। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखती है। वजन कम करने में सहायक है, इम्यून सिस्टम को बेहतर करती है।

राजमा

पोषक तत्व : विटामिन थियामीन, फायबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट

प्रयोग विधि: टमाटर की ग्रेवी के साथ बना सकते है।
चावल में अन्य सब्जियों के साथ डालकर पुलाव की तरह बना सकते है। टमाटर- प्याज के साथ राजमा की चाट बनाई जा सकती है।

फायदा : कोलेस्ट्रॉल को काम करता है। शुगर का स्तर नियंत्रित रखता है।