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कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है सौंफ...!


कोलेस्ट्रॉल बढा हो या आंखों की रोशनी कम हो रही हो तो उपचार के लिए डॉक्टर के पास भागना पड़ता है। जबकि हमार हमारी रसोई में भी इनका उपचार है।रसोई में शामिल सौंफ से कई बीमारियां का उपचार संभव है।

बड़े कोलेस्ट्रॉल को करें कंट्रोल :

खाना खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच सौंफ खाना बढे हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद साबित होता है।

अपच या पेट विकारों में कारगर :

सौंफ को बिना तेल के तवे पर भून ले। भुनी सौंफ मिश्री के साथ चबा चबा कर खाए। दो कप में पानी में एक चम्मच सौंफ को उबाल ले। दिन में दो-तीन बार पीए, लाभ होगा।

छोटे बच्चों को पेट दर्द से राहत दिलाए:

दो चम्मच सौंफ के पाउडर को करीब 200 ग्राम पानी में अच्छी तरह से उबाल कर ठंडा करें। इसे बोतल में भर ले। यह पानी रोजाना दिन में दो-तीन बार एक-एक चम्मच बच्चों को पिलाए,उसे पेट दर्द में आराम मिलेगा।

पाचन प्रक्रिया को करें सुचारू:

पन्नास ग्राम सौंफ, पन्नास ग्राम जीरा तवे पर हल्का बुनकर पीस ले भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ इसे खाएं। खट्टी डकारे आने पर थोड़ी सौंफ पानी में उबाल कर मिश्री मिलाकर दिन में दो-तीन बार पिए।

कब्ज से दस्त कर दूर:

थोड़ी सौंफ पीसे। 5 ग्राम गुलकंद और सौंफ पानी मिलाकर दूध के साथ रात में सोते समय ले, कब्ज में आराम मिलेगा। दो चम्मच भुनी सौंफ दिन में चार बार लेने से दस्त में लाभ होता है। 25 ग्राम सौंफ, 50 ग्राम छोटी हरड़ पन्ना ग्राम मिश्री को पीस ले। सोने से पहले एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज, जलन, गैस या पेट अफरने से आराम मिलेगा।

सर्दी जुकाम में दे आराम:

सौंफ को अंजीर के साथ खाने से खांसी और ब्रोंकाइटिस में आराम मिलता है। सौंफ का अर्क 10 ग्राम शहद में मिलाकर पिए। एक चम्मच सौंफ दो कप पानी में उबालकर दो-तीन बार पीने से कफ ठीक होता है।

हाथ पांव की जलन करे शांत:

सौंफ और सूखा धनिया बराबर मात्रा में पीसे। मिश्री मिलाकर चूर्ण बनाएं। खाने के बाद एक चम्मच चूर्ण ले।