Latest New

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सिर के रोगों से मुक्ति दिलाए शिरोधारा, आजमा कर देखें ...!



शिरोधारा एक ऐसा उपचार है, जो खूबसूरती निखारने के साथ-साथ मेडिटेशन का भी काम करता है और इससे कोई नुकसान भी नहीं होता।यह हमारे शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

क्या है शिरोधारा

शिरोधारा दो शब्दों से बना है-शिरो यानि सिर और धारा मतलब प्रवाह। जब किसी तरल पदार्थ को ललाट के मध्य स्थान से थोडा ऊपर से धारा के रूप में कुछ समय बिना रुके गिराया जाता है, तो उसे शिरोधारा कहते हैं। इससे मन हल्का होता है और हमारी एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है।

इन बातों का ध्यान रखें

शिरोधारा करने के लिए सही व्यक्ति का चयन काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि थोड़ी भी गलती होने पर नर्व्स को नुकसान हो सकता है । मसाज के लिए चुने गए तेल का भी महत्व होता है। चुना गया तेल आपकी सेहत के अनुकूल हो।

कौन से तेल का इस्तेमाल करें

वात और कफ के रोगी के लिए हल्के गर्म तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि पित्त रोगी के लिए ठंडे तेल का इस्तेमाल होता है ।

क्या है सही समय

स्वस्थ व्यक्ति के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है, लेकिन रोगी के लिए डॉक्टर ही तय करेंगे कि, उन्हें किस समय शिरोधारा करवाना चाहिए।

कितने दिनों तक करवाना चाहिए

यह बीमारी और अवस्था के अनुसार 7, 14, 21 और 28 दिनों का पॅकेज होता है, जिसका निर्णय डॉक्टर लेते हैं।

कितने मिनट का समय लगता है

यह रोगी की अवस्था पर निर्भर करता है। वैसे डॉक्टर की दृष्टि से 20 मिनट से लेकर 50 मिनट तक का समय लग सकता है।

क्या हैं फायदे

= यह नर्व्स सिस्टम को ठीक रखता है। मानसिक क्षमताओं का विकास करता है । मानसिक रोग में लाभ देता है। इससे मेडिटेशन भी हो जाता है।
= यह हमारी नसों को रिलैक्स करता है। लकवा में भी इससे आराम मिलता है।
= सिर के जितने भी रोग हैं, इससे लाभ होता है। तनाव से राहत पाने के लिए शिरोधारा सबसे अच्छा माध्यम है। इससे माइग्रेन ठीक हो जाता है।
= शिरोधारा को महीने में दो बार करने से झड़ते हुए बालों की समस्या भी काफी हद तक ख़त्म हो जाती है।
= यह बीपी को नियंत्रित्त करता है, लेकिन निम्न रक्तचाप के रोगी को शिरोधारा उपचार नहीं किया जाता है।
= जिनको सर्वाइकल की समस्या है। उनको शिरोधारा उपचार जरुर करवाना चाहिए।
= अनिद्रा, बैचैनी, चिडचिडापन और मुड स्विंग होने जैसी तकलीफों में शिरोधारा लाभकारी है। शांति मिलती है। मस्तिष्क की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है।
= इससे बालों का गिरना रुक जाता है। रुची की भी समस्या ख़त्म हो जाती है और बालों की चमक भी हमेशा बरक़रार रहती है। आखों की किसी बीमारी में बहुत लाभ होता है।

क्या सावधानी रखें

= शिरोधारा अधिक बुखार में नहीं करवाना चाहिए ।
= इस करवाने के तुरंत बाद हवा या गर्मी में न जाए।
= अधिक ठण्ड में भी शिरोधारा न करवाएं ।
=जुकाम की स्थिति में भी नहीं करवाना चाहिए।