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स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरुरी है उपवास करना...!

उपवास केवल एक धार्मिक साधना ही नहीं है बल्कि यह सेहत को संतुलित बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। जानते हैं इससे होनेवाला लाभ...

माना तो यहां तक जाता है इससे कैंसर की बीमारी तक ठीक हो सकती है। क्योंकि, उपवास से ट्युमर के टुकड़े तक हो जाते हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि, लीवर ही अधिक बढ़ेगी। उपवास करने वाले की श्वासोच्छास विकार रसित होकर गहरा और बाधा रहित हो जाता है। इससे स्वाद ग्रहण करने वाले ग्रंथियां पुन: सक्रिय होकर काम करने लगती हैं। उपवास आपके आत्मविश्वास को इतना बढ़ा सकता है कि, आप अपने शरीर, जीवन और क्षुधा पर अधिक नियंत्रण हासिल कर सकें।

किस प्रकार लाभदायक

हमारा शरीर स्वनियंत्रित एवं खुद को ठीक करने वाली प्रजाति का हिस्सा है। उपवास के गरिए यह अपने मेटाबालिज्म को सामान्य स्तर पर ले आता है, तथा उतकों की प्राणवायु प्रणाली को पुजजीर्वित कर सकता है। उपवास आपके शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल फेंकता हैं। शरीर में जमा विषेले तत्व श्लेषा, थूक, पसीना, उल्टियां, कभी-कभी दस्त के रूप में बाहर निकालते हैं। यही वजह है कि, जो लंबे उपवास (3 दिन या 7 दिन) करते हैं, उनकी सांसों से दुसरे दिन ही बदबू आने लगती है। कई लोगों को उल्टियां आने लगती हैं। ये सब विषैले तत्वों के बाहर निकलने के लक्षण हैं। फैट सेल्स, आर्टरी में जमा वसा के थक्के श्लेषा तथा वहां तक कि, बरसों से जमा रखी हुई चिंताएं और भावनाएं भी बाहर निकल आती हैं, परन्तु उपवास का अर्थ भूखे मरना नहीं होता। वस्तुत: उपवास शरीर रूपी मशीन के पाचन तंत्र को आराम देने व उसकी ओवरहलिंग जैसा होता है, पर अति सर्वत्र वर्जयते के अनुसार अतिशय व अवैज्ञानिक तरीके से किए गए उपवास के खराब परिणाम भी सामने आ जाते हैं।

ऐसे करें शुरुआत

उपवास अचानक बहुत दिनों तक न करें। पहले एक दिन के उपवास से शुरुआत करें और जैसे ही आप अपने शरीर को इसके अनुकूल पाने लगें तो सप्ताह में एक बार जरुर उपवास रखने का नियम बनाएं। आप शुरुआत में अन्न का त्याग कर सकते हैं, तथा इन पदार्थों पर निर्भय रहते हुए दिन निकाल सकते हैं।

  • पकी कच्ची सब्जियां, ताजे फलों का रस
  • ताजा सब्जियों का रस, फल, पानी

इनसे बचें

पकी हुई सब्जियां, अन्न या अन्न के बने दुसरे पदार्थ, रोटियां, ब्रेड, बिस्कुट, पास्ता न खाएं। इसके अलावा चाय, दूध, दही, आइसक्रीम, मक्खन, अंडे, फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड से तैयार किया हुआ भोजन, आलू की चिप्स, साबूदाने की खिचड़ी, मूंगफली के दाने या फरियाली मिक्चर भी आपके उपवास के मकसद को नष्ट कर सकते हैं।

इन बातों का रखे ख्याल

उपवास करने वालों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि, अगर वे किसी असाध्य बीमारी से पीड़ित हैं, या किसी बीमारी का लंबे इलाज ले रहे हैं, तो अपने चिकित्सक की सलाह लिए बिना उपवास नहीं करना चाहिए। डायबिटीज मरीज, गर्भवती महिला व स्तनपान करा रही माता को भी उपवास नहीं करना चाहिए।

क्या-क्या लाभ हैं

  • तंत्रिक तंत्र में संतुलन स्थापित होता है।
  • ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जिससे संवेदी क्षमताओं में वृद्धी होती है।
  • सेल्युलर बायोकेमेस्ट्री में संतुलन कायम होता है।
  • त्वचा संवेदनशील, नर्म और रेशमी हो जाती है।
  • आपके हाथ-पैरों का संचालन सरलता से होने लगता है।
  • पाचन तंत्र ठीक होकर सुचारू रूप से काम करने लगता है।
  • सभी अवयवों में ऊर्जा का संचार होता है।
  • आंतो में भोजन से रस सोखने की क्रिया में वृद्धी होती है।
  • तत्काल एवं सुरक्षित तरीके से वजन घटता है।