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लहसुन खाएं, बीपी कंट्रोल रहेगा ...!

 

  

लहसुन की एक कली छीलकर सुबह पानी के साथ खाई जाए तो रक्त में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। बीपी भी सही रहता है। लहसुन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है।

यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है। डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए लहसुन, अदरक एर कच्ची हल्दी का रस दिन में एक बार सुबह के समय और लगातार ४० दिनों तक लेना चाहिए। अर्थाइटीस के रोगियों को भी लहसुन से काफी लाभ होता है। इसके लिए एक कप पानी में एक कप दूध मिलाएं। उसमें लहसुन की तीन कली बारीक काटकर डाल दें और थोड़ी हल्दी भी डालें। इसे तब तक उबालें, जब तक कि आधा न रह जाए। ठंडा होने के बाद उसे पी लें।गल बैठ गया हो तो गर्म पानी में लहसुन का रस और दो चुटकी नमक घोलकर कुछ दिनों तक रोज ५ मिनट गरारे करें। गल ठीक हो जाएगा। वात रोग में यह रामबाण साबित होता हैं। १-२ कलियां रोज खाएं, अंदरूनी गर्मी पैदा होगी। पैरालाइसिस (लकवा) में लहसुन को आजमाएं। लहसुन की ३-४ काली छीलकर पीस लें। उसमें उतनी ही मात्र में शहद मिलकर रोगी को चटाएं। धीरे-धीरे लहसुन की मात्रा बढ़ाएं और उसी अनुपात में शहद की भी। १-१ काली बढ़ाकर ११-११ काली तक ले जाएं। काफी लाभ होगा।

लहसुन को अगर निगलते है तो. .

यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, रक्त में मौजूद बैक्टीरिया को नियंत्रित करता है और आंतों के संक्रमण को भी नियंत्रित करता है। यह हृदय रोगियों के लएए भी लाभकारी है। इसकी तीन कली कम से कम ४० दिनों तक निगलनी चाहिए। लहसुन के १०० एमएल रस को २०० एमएल शहद के साथ मिलकर एक शिशि में गेंहुन के भूसे में रख दें। ४० दिनों बाद निकालकर एक-एक चम्मच सुबह और शाम को ४० दिनों तक लें। इससे ताकत मिलेगी।