Latest New

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

मासिक धर्म का रुक जाना।

 


मासिक धर्म स्त्री में होने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यदि मासिक धर्म में अनियमितता होती है तो स्त्री के शरीर में अन्य विकार उत्पन्न हो जाते हैं। इसका कारण शरीर के भीतर किसी रोग का होना भी हो सकता है। इसके सुचारु रूप से न होने पर स्त्री जीवनभर मातृत्व सुख से वंचित रह जाती है।

कारण : शरीर में बहुत ज्यादा आलस्य, खून की कमी, मैथुन दोष, माहवारी के समय ठंडी चीजों का सेवन, ठंड लग जाना, पानी में देर तक भीगना, व्यर्थ में इधर-उधर भ्रमण करना, शोक, क्रोध, दु:ख, मानसिक उद्वेग, तथा मासिक धर्म के समय खाने-पीने में असावधानी-इन सभी कारणों से मासिक धर्म रुक जाता है या समय से नहीं होता।

पहचान : गर्भाशय के हिस्से में दर्द, भूख न लगना, वमन, कब्ज, स्तनों में दर्द, दूध कम निकलना, दिल धड़कना, सांस लेने में तकलीफ, कान में तरह-तरह की आवाजें सुनाई पड़ना, नींद न आना, दस्त लगना, पेट में दर्द, शरीर में जगह-जगह सूजन, मानसिक तनाव, हाथ, पैर व कमर में दर्द, स्वरभंग, थकावट, शरीर में दर्द आदि मासिक धर्म रुकने के लक्षण हैं।

नुस्खे : 
  • 3 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से माहवारी ठीक हो जाती है।
  • दूब का रस एक चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सुबह के समय पीने से रुकी माहवारी खुल जाती है।
  • कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर कुछ दिनों तक खाने से मासिक धर्म खुलकर आने लगता है।
  • ग्वारपाठे (ऑलिवेरा) का रस दो चम्मच की मात्रा में खाली पेट लगभग दो सप्ताह तक सेवन करें।
  • 10 ग्राम तिल, 2 ग्राम कालीमिर्च, दो नग छोटी पीपल तथा जरा-सी शक्कर इन सबका काढ़ा बनाकर पीने से मासिक धर्म खुलकर आने लनता है।
  • 3 ग्राम तुलसी की जड़ का चूर्ण शहद के साथ सेवन करें।
  • 50 ग्राम सोंठ, 30 ग्राम गुड़, 5 ग्राम बायबिड़ंग तथा 5 ग्राम जौ इन सबको मोठा-मोठा कूटकर दो कप पानी में मिलाएं । जब पानी आधा कप रह जाए तो काड़े का सेवन करें। रुका हुआ मासिक धर्म खुल जाएगा।
  • बरगद की जटा, मेथी और कलौंजी- सब 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर मोठा-मोठा कूट लें। फिर आधा किलो पानी में सब चीजें डालकर काढ़ा बनाएं। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर शक्कर डालकर पी जाएं।
  • प्याज का सूप एक कप बनाएं। उसमें थोड़ा-सा गुड़ घोल लें। इसे पीने से रुका हुआ मासिक धर्म खुल जाएगा।