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बड़े काम का कड़वा करेला।

 


यूं तो हम सभी जानते हैं कि भारतीय सब्जियों के स्वाद में विविधता होने के साथ ही औषधीय गुण भी होते हैं। इसी क्रम में एक और सब्जी है, करेला। करेले में भी चमक्तारिक औषधीय गुण पाए जाने की पुष्टि की गई है। भारतीय वैज्ञानिकों ने भारतीय सब्जियों पर किए अनुसंधानों से यह निष्कर्ष निकाला है कि भारतीय सब्जियां रोगों को रोकती ही नहीं अपितु उन्हें फैलने से भी बचाती हैं। इस कड़वे करेले में स्तन कैंसर को भी नष्ट करने की क्षमता है। सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि कड़वा करेला न केवल स्तन कैंसर से बचाता है बल्कि उसकी रोकथाम करता है। करेले में सभी आवश्यक खनिज, विटामिन ए, बी1, बी2 व सी समेत लोहा तत्त्व भी हैं। यह कड़वी सब्जी मधुमेह, उच्चरक्तचाप, सीने की जलन, कोलैस्ट्रोल स्तर व अल्सर जैसे रोगों में लाभकारी है। पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एवं प्रमुख अनुसंधानकर्ता रतना राय इस तथ्य से आश्‍चर्यचकित रह गई कि, करेला स्तन कैंसर के सैलों को नष्ट कर देता है। हमारा परिणाम उत्साहवर्द्धक है। हमने देखा कि कड़वा करेला स्तन कैंसर के सैलों को बढ़ने से भी रोकता है। सच में अपनी इस खोज का विवरण मैडिकल जर्नल के नवीनतम कैंसर रिसर्च ने भी प्रकाशित कराया है। इसके अगले चरण के संबंध में राय कहती हैं कि इसका परीक्षण पहले पशमाडल पर किया जाएगा। यदि उसके परिणाम सकारात्मक आते हैं तो फिर इसका प्रयोग मानवीय शरीर पर भी किया जा सकता है। यह खोज भारतीय महिलाओं के विशेष हित में है। देश में स्तन कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के लिए करेला साधारण: आसानी से उपलब्ध होने वाली सब्जी है, जिसकी किमत भी बहुत नहीं है। दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई व बेंगलौर में कैंसर रोगियों के एक आंकड़े में 1982 व 2005 (24 वर्ष) के बीच इंडियन कौंसिल ऑफ मैडिकल रिसर्च आई.सी.एम.आर. ने हाल ही में पाया कि स्तन कैंसर दुगनी गति से बढ़ा है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो, डेनवर स्कुल ऑफ यूनिवर्सिटी में फार्मास्यूटिकल साइंसिज विभाग में प्रोफेसर राजेश अग्रवाल ने बताया कि यह खोज केवल स्तन कैंसर के विरूद्ध कड़वे करेले की कैंसर प्रतिरोधक क्षमता का एक चरण है। इसके सम्पूर्ण लाभों का जानने हेतु कैंसर सैलों को रोकने की क्षमता को भी जानने की आवश्यकता है।