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क्या आपको भी भूलने की बीमारी, डिमेंशिया है !

 


आपको अपने आसपास अक्सर ऐसे लोग मिल जाएंगे, जो बात बात पर कहते हैं कि, यार मैं उसका नाम भूल गया, मुझे उसका नंबर याद नहीं आ रहा, पता नहीं मैंने गाडी की चाबी कहां रख दी। कभी रात को सोते हुए पत्नी सोचने लगती है कि, मैंने गैस बंद की या नहीं, घर की कुंडी ठीक तरह से लगाई है या नहीं। अगर आप भी ऐसी ही किसी प्रॉब्लेम को फेस कर रहे हैं तो समझ लिजिए कि आप डिमेंशिया बीमारी से ग्रस्त है।

दुनिया में लगभग 3 करोड 70 लाख लोग डिमेंशिया के शिकार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में आंशका जताई गई है कि, अगले 20 सालों में इस आकडे में तेजी से बढोतरी हो सकती है। शोध से पता चला है कि, इस बीमारी से प्रभावित लोगों में दो तिहाई विकासशील देशों में रहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 में भारत में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या 37 लाख थी और 2030 तक इनकी संख्या दोगुनी होने का अनुमान लगाया गया है। डिमेंशिया (भुलने की बीमारी) आमतौर पर 65 साल से अधिक के लोगों को होती है। लेकिन अब तो यह 30 और 40 साल की उम्र के लोगों को भी हो सकती है। अब तो यह बीमारी कॉमन होती जा रही है।

डिमेंशिया के लक्षण

छोटी-छोटी बातें भूल जाना, जैसे- चाबियां, रिमोट, गैस पर दूध इत्यादि रखकर भूल जाना, घर का नंबर या रास्ता भूलना, दिन, तारीख या साल भूलना, बार-बार एक ही बात दोहराना, पैसे की गिनती करते-करते भूल जाना, चीजों को लेकर कंफ्युज रहना, चीजें सही जगह पर न रखना, नींद न आना, भूख का ध्यान न रहना, खाना रखकर भूलजाना, परिचितों को भूल जाना, यह इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है।

बचने के उपाय

नियमित तौर पर व्यायाम करने से बुजुर्गों की याददाश्त बढ सकती हैं। हल्दी के औषधीय गुणों में डिमेंशिया बीमारी से निजात दिलाने की ताकत होती है। अंगुर, अल्जाइमर बीमारी की स्थिती में खोने वाली, याददाश्त को सही करने में लाभकारी है। इससे बचने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दें। ग्रीन टी, टमाटर इत्यादि को अपने खानपान में शामिल करें। सुबह नाश्ता अवश्य करें। अंकुरीत अनाज, ड्राई फ्रुटस् लें। प्रतिदिन थोडी मात्रा में अखरोट का सेवन करें। शहद को हर रोज किसी न किसी रूप में लेने से याददाश्त अच्छी रहती है।

सावधानियां

*• डिमेंशिया के रोगी को घर से अकेले निकलने न दें।
*• बात-बात पर रोगी से बहस न करें।
*• घर का दरवाजा बंद रखा करें।

*• रोगी के पास घर का पता, रोगी का नाम और फोन नंबर इत्यादि हमेशा साथ में रखें।

*• रोगी से बातचीत करते रहें और उसे दिनभर व्यस्त रखें।

*• दिमाग का ज्यादा उपयोग होनेवाले खेल खेलने को प्रेरीत करें और उसके साथ समय दें।

याद्दाश्त बढाने के उपाय
*• खाना खाने के कुछ देर पहले एक सेब खाएं।
*• चुकंदर का रस दिन में दो बार लेने से याद्दाश्त बढती है।
*• सकारात्मक सोच रखें।
*• हाथों की बीच की अंगुलियों पर नियमित रूप से मालिश करें।
*• भूलचुकी पुरानी बातों को याद करने की कोशिश करें।
*• पहेलियों के हल खोजने का अभ्यास करें।
*• घरेलु हिसाब-किताब को जुबानी जोडने-घटाने की कोशिश करें।
*• हररोज ध्यान करना भी आपकी याददाश्त बढाने में लाभकारी होता है।