किशोरावस्था के दौरान व्यक्ति में कई शारिरीक और मानसिक बदलाव आते हैं। इस दौरान उनके वजन और लम्बाई का विकास होता हैं। अपने तन-मन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उन्हें सही मात्रा में पोषण की जरूरत होती हैं और पोषण के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी होता हैं। किशोरावस्था बचपन से जवानी के बीच के आयु को कहते हैं।
यदि 15 साल की उम्र में आपकी लम्बाई औसत है, तो रोजाना पर्याप्त मात्रा में सब्जी का सेवन करें। लड़कियों के लिए प्रतिदिन 2.5 कप और लड़कों के लिए 3.5 कप सब्जियों का सेवन जरूरी है। किसी एक प्रकार की सब्जी खाना जरूरी नहीं हैं। लेकीन, आप हरी सब्जियां खाएं तो बेहतर रहेगा। अगर आलू की तुलना में गाजर, स्न्वैश, ब्रोकोली, पालक जैसी सब्जियां आपकी थाली का हिस्सा हों। फलों के ज्यूस की तुलना में साबुत फल ज्यादा फायदेमंद होते हैं, इसलिए किशोरावस्था में फलों का ज्यादा सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से दिन में कम से कम दो फलों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता हैं। अपनी पसंद के अनुसार फल का सेवन किजीए। किशोरोंको केला, सेब और नाशपाती आदि का सेवन करना चाहिए। कैलोरी मुक्त फल, जैसे जामुन, तरबूज और आम को अपने डाइट में शामिल किजीए। एंटी-ऑक्सीडेंट्स युक्त यह फल शरीर को बीमार होने से भी बचाते हैं। किशोरोंको सूखा मेवा भी खाना चाहिए।
चीनी का प्रयोग कम करना चाहिए। शुगर के कारण हमारे शरीर में 260 कॅलरी अधिक एकत्रित होती हैं। इस मात्रा को कम करने के लिए सोडा, एनर्जी पेय पदार्थ, जूस, चाय आदि की मात्रा में कटौती करनी चाहिए। इनकी कमी को पूरा करने के लिए ज्यादा पानी पीना चाहिए। हर रोज8-10 ग्लास पानी पीना चाहिए। किशोरावस्था में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डाइट चार्ट के अनुसार जरूरी खाद्य-पदार्थ लीजिए। इसके अलवा नियमित रूप से योगा और व्यायाम करने की आदत भी डालिए। यदि खान-पान को लेकर कोई समस्या हो, तो अपने डाइटिशियन से संपर्क किजीए।

