सर्दियों में खजूर का सेवन स्वास्थ्य को उत्तम बनाता है तथा बहुत से रोगों को भी भगाता है। विश्व भर में इसे खाया जाता है। यह पंजाब, सिंध, उत्तरी अफ्रीका, सीरिया, मिस्त्र, बिलूचिस्तान तथा अरब देशों में ही होता है। यह अपने स्वाद तथा औषधीया गुणों के लिए लोकप्रिय फल है।
- छुहारा तथा खजूर, दोनों एक ही पेड की देन हैं। सूखा फल छुहारा (खारीक) है, जबकि खूब पका हुआ खजूर की श्रेणी में आता है।
- यह वीर्य में वृध्दि करने वाला, शरीर को शक्ति देने वाला, खाने में सुस्वाद, रूचिकर, तृप्त कर देने वाला है।
- खजूर शीतल, मधुर होता है। खांसी, अतिसार, भूख न लगना, शराब से होने वाले रोग, मूर्छा, कफ, से जुडी तकलीफें, रक्त पित्त, ज्वार, प्यास जैसे रोग खजूर से शांत होते है।
- खजूर का सेवन बल प्रदान करता है। दुबले-पतले व्यक्ति, कमजोर व्यक्ति इसे खाकर लाभ उठा सकते हैं।
- दुबले व्यक्ति भार बढाने के लिए खा सकते हैं। खजूर का सेवन मोटापा लाता है तथा शरीर का भार बढाता है, अत: मोटे व्यक्ति सोचकर खाऐं। इसका सेवन बाल लम्बे, घने तथा मुलायम करता है।
- खजूर गैस तथा एसिडिटी कम करने में सक्षम है। दमा रोग है तो छुहारा चबा-चबाकर खातें हैं।
- घाव होने पर छुहारे की गुठली घिसकर लगाएं।
- आंख की पलक पर गुहेरी (रांजनवाडि) रोग हो जाती है। खजूर की गुठली को रगडकर गुहेरी पर लगाऐं। आराम मिलेगा।
- छुहारे से खजूर में अधिक पौष्टिकता होती है। इसमें शर्करा 80 प्रतिशत तक होती है। मधुमेह के रोगी बचें।
- जुकाम हो जाने पर एक गिलास दूध में पांच दाने खजूर डालें। पांच दाने काली मिर्च, एक इलायची भी। अच्छी तरह उबालकर, उतारकर, एक चम्मच देसी घी डालकर रात को पी लें। सर्दी जुकाम ठीक हो जाएगा।
- जिनकी पाचन शक्ति अच्छी हो वो खजूर खाएं, क्योंकि यह पचाने में समय लेती है। छुहारे, पुरा वर्ष उपलब्ध रहते है। खजूर केवल सर्दी में तीन महीने, जब जो उपलब्ध हो, उसका सेवन करें।