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नेत्र रोगों में हितकारी होता है पपीता।

 


आपको डेंगू हो या मोटापे की चिंता। पपीता दोनों को दूर भगाने में सहायक है। इसका कच्चा फल हरा और पकने पर पीले रंग का हो जाता है। इसके सेवन से पित्त का शमन होता है।

  • यह पाचन शक्ति सुधारता है। कच्चा पपीता खाने से कफ-वात की वृध्दि होती है, लेकिन यह अजीर्ण, यकृत बवासीर आदि रोगों के लिए गुणकारी होता है।

  •  पपीता आहार पचाने में मदत करता है। इसमें दस्त और पेशाब साफ लाने का गुण है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है, उन्हें पपीते का नियमित सेवन करना चाहिए

  •  पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन 'ए' प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतैंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों में ज्योति बढती है। पपीता से रक्तशुध्द, पीलिया रोग का निवारण, अनियमित मासिक धर्म में हितकारी, धातु संबंधी विेकार एवं वीर्य की कमी दूर करने में भी यह मददगार है। सौदर्य में सहायक होता है।

  •  कच्चे पपीते को काटकर चेहरे पर रगडने से चेहरे के कील, कालिमा, मैल व अन्य दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं. इससे त्वचा में निखार आता है।