कॉपर एक प्राचीन धातू है, जिसका इस्तेमाल कई सालों से होता आ रहा है और यह रक्त की गुणवत्ता में सुधार के लिए माना जाता है और कमजोर लीवर के कामकाज को मजबूत करने के लिए माना जाता है।
तांबे की अंगूठी के फायदे
जिन लोगों के शरिर में कॉपर की कमी होती है, उन्हें कॉपर के गहने पहनने से भी लाभ होता है, क्योंकि इसे त्वचा के माध्यम से अवशोषित किया जा सकता है। आभूषण, मिनरल की जरूरत की थोडी सी राशि को लेने का अच्छा तरिका है। तांबे के चिकित्सीय गुण, अंगुठी, ब्रेसलेट, हार और बालियों के रूप में, शरीर में मिनरल की न्यूनतम राशि को आने की अनुमती देता है।
तांबे की अंगूठी पहनने का एक महत्वपूर्ण पहलु यह है कि, यह शरिर के लिए शीतलक माना जाता है और शरीर की गर्मी कम करता है। यानी आज के तनावपूर्ण जीवन में, हम अक्सर गुस्सा और नाराज हो जाते है-अगर हम तांबे की अंगुठी पहने रहते हैं, तो हमारे गुस्से को नियंत्रित और शरीर को शांत रखने में मददत मिलती हैं।
सभी धातूओं में, तांबा सबसे पुरानी धातुओं में से एक है। यह कहा जाता है कि, तांबे रक्त शुध्द करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।
तांबे की अंगूठी उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप से पीडित लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है। रक्तचाप में उतार-चढाव बंद हो जाने से बचे रहते है। तांबे की अंगूठी शरीर में सूजन को कम करने में भी मददगार होती है।
यह शरीर में दर्द, पेट की समस्याओं, पाचन और एसिडिटी जैसे अन्य सामान्य स्वास्थ समस्याओं का ध्यान रखती है।
तांबे की अंगूठी पहनने से अर्थराइटिस और ब्लड सर्कुलेशन की कमी से आनेवाली समस्योओं के लक्षणों से राहत मिलती है।
अगर आपको पेट की समस्या या पेचिश लगातार परेशान कर रहे हैं तो तांबे की अंगुठी को तुरंत पहनने से आपको समस्या को दूर करने में मदद् मिलती है।
नाखून और त्वचा की समस्याओं के उपचार के लिए भी फ़ायदेमंद है। इसलिए, ज्योतिषी नजरिये के अनुसार एक तांबे की अंगूठी पहनने से सूर्य से संबंधित सभी रोगों को दूर करने में मदद मिलती है।