लहसुन का तेल दमा, न्यूमोनिया, कान दर्द, कान बहना, गठिया आदि रोगों में लाभदायक है। इसका तेल बनाने के लिए सरसों के एक छटांक तेल में एक स्वच्छ पुष्ट लहसुन की पूरी गांठ छील कर डाल दें। सात-आठ दिन इसे ढंक कर रखें। बाद में लहसुन निकाल कर हटा दें व तेल प्रयोग में लाएं।
लहसुन के रस को पानी में मिलाकर गरारे करने से गला खुल जाता है।
लहसुन की कली को चबाने से जी मिचलना ठीक हो जाता है।
लहसुन को पीस कर बिच्छू के काटे स्थान पर बांध देने से विष उतर जाता है और आराम मिलता है।
लहसुन और हल्दी एक साथ पीस कर विषैल कीडे के काटे स्थान पर लेप करने से उसका असर समाप्त हो जाता है। लहसुन की कुछ कलियां खा लेने से विशेष फायदा होता है।
लहसुन का रस दो बूंद नाक में टपकाने से लगातार आनेवाली हिचकी दूर हो जाती है।
ट्युबरक्लोसिस में लहसुन खाने एवं इसका तेल लगाने से विशेष फायदा होता है।
भोजन से पहले तिल के तेल के साथ लहसुन का प्रयोग करने से मलेरिया का रोग दूर हो जाता है।