अमरुद एक अत्यन्त स्वास्थ्यवर्धक फल है जो प्रायः नवंबर से मार्च महीने तक सभी जगह आसानी से मिलता है। यह फल बरसात में भी उपलब्द होता है, परन्तु उन दिनों में इतना फायदेमंद नहीं होता। इसे गरीबों का फल कहा जाता है, क्योकिं यह सस्ता फल होता है। इसके सेवन से त्वचा की सुन्दरता में निखार आता है। अमरुद, भोजन को पचा कर कब्ज दूर करता है। परन्तु इसके औषधीय गुण बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसकी पत्तियां, कोपलें और छाल तक के प्रयोग आयुर्वेद में मिलते हैं। इसके कुछ चिकित्सकीय प्रयोग इस प्रकार से हैं।
- जहां तक हो सके, सलाद में अमरुद जरुर लें। इससे भोजन सही ढंग से पचता है।
- भोजन के बाद अमरुद खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। शरीर में फुर्ति आती है।
- कब्ज में, पके अमरुद खाने से पेट साफ़ होता है। भूख लगती है और हाजमा दुरुस्त रहता है।
- विटामिन ‘सी’ की अधिकता के कारण, अमरुद का सेवन करने वालों को दाद, खाज, खुजली व त्वचा की बीमारियां नहीं होती।
- दमा और पुरानी खांसी में अमरुद भूनकर खाने से बहुत लाभ होता है।
- यह मस्तिष्क को शक्ति देता है और याद्दाश्त बढाता है।
- पीलिया में अमरुद के गूदे में अधिक मात्रा में मिश्री मिलाकर खाने से बहुत फायदा होता है।
- अमरुद की पत्तियों को उबाल कर उस पानी के गरारे करने से टांसिल में लाभ होता है|
- मुंह में छाले होने पर इसकी पत्तियां चबाने से लाभ होता है।
- अमरुद हृदयगति को सामान्य करता है जिससे रक्त अधिक पतला और गाढा नहीं होता।
- अमरुद लीवर के लिये अधिक लाभदायक होता है, अमरुद को कभी भी खाली पेट नहीं खाना चाहिये।
- अमरुद में पाया जाने वाला विटामिन ‘बी-9’ शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को सुधारने का काम करता है।
- अमरुद में पाया जाने वाला विटामिन ‘ए’ और ‘ई’ आंखों, बालों और त्वचा को पोषण देता है।