आधुनिक तकनीक ने कम गति, भले ही बढा दी है, लेकिन अब लोगों के शरीर दिनों दिन सुस्त होतें जा रहे हैं। मोटापा, मधुमेह व धूम्रपान के बाद आज सुस्त जीवनशैली मृत्यु का चौथा बड़ा कारण बनती जा रही है। जानिए इससे कैंसे बच सकते है।
आजकल के नौजवान लडके और लडकियों में, दिनभर कंम्प्यूटर के सामने बैंठकर काम करना या फोन पर उंगलियां चलाना, सुबह बिना खाए-पिए घर से निकलना और फिर दिन-भर गलत पॉश्चर में बैठे रहना, ऐसी गलत लाइफस्टाइल के कारण, कम उम्र से ही पैरों में सूजन, ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया दर्द। पूरा दिन एयरकंडीशंड कमरों में बैठे रहने के कारण विटामिन-डी, कैल्शियम, आयरन, और विटमिन-बी 12 का बुरा हाल होना ही था। टेस्ट की रिपोर्ट ने कुछ समय के लिए उसे डराया, पर धीरे-धीरे फिर जिंदगी भागदौड़ और लापरवाहियों में चलने लगी, कभी-कभार होने वाले पैर,गर्दन और कंधों के दर्द के लिए दर्द-निवारक दवाओं का साथ था ही। कुछ समय बाद थायरॉइड ने भी हमला बोल दिया। थोड़ा चलने पर सांस फूलने लगी।
ऐसा नहीं है कि युवाओं को व्यायाम के लाभों की जानकारी नहीं हैं, सुस्त और अस्वस्थ जीवनशैली के नुकसानों को वे बखूबी जानते है। पर आखें तब खुलती हैं,जब तन,मन और भावों का संतुलन बिगड़ने लगता है। कम उम्र में ही ऑस्टियोपोरोसिस फ्रैक्चर, स्ट्रोक, गठिया, मोटापा, डायबिटिज व हड्डियों के रोग घेरने लगते हैं। हमारा शरीर चलने के लिए बना है।
हमारे हर अंग का हिलते-डुलते रहना जरुरी है| जो मशीन चलाई नहीं जाती, उसके पुज्रो पर जंग लगा जाता है| शरीर के साथ भी यही होता है| भले हम दिन-रात कंम्प्युटर व फ़ोन से काम कर रहे है, बावजूद इसके शरीर पर सुस्ती की परते चढती जा रही है| भोजन, नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली ही रोगों से बचने का सस्ता व अच्छा तरीका है|
घंटो बैठे रहना है
काम और मनोरंजन के तमाम उपकरण हमें बिठाए रखते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार दिन में 5 या अधिक घंटे बैठे रहने वालों में, अन्य दो घंटे कम बैठे रहने वालों की तुलना में 34% हार्ट फेल्योर की आशंका बढ जाती है। नियमित बैठे रहना स्ट्रोक की आशंका भी बढाता है। व्यायाम की कमी, छह प्रतिशत गंभीर हृदय रोगों का कारण है। इसके साथ 7 प्रतिशत टाइप 2 डायबिटिज व 10 प्रतिशत स्तन व मलाशय के कैंसर की वजह, शारीरिक सक्रियता और व्यायाम की कमी ही है। हड्डी रोग विशेषज्ञों का कहना है, शारीरिक गतिविधियों की कमी, सुस्त जीवनशैली व खान-पान की गडबड़ी ने ऑस्टियोपोरोसिस की औसत उम्र को घटा दिया है। महिलाओं में प्रीमिनोपॉज का असर पहले दिखने लगा है, जिससे उनमें हड्डी रोगों के मामले बढे है। कैल्शियम युक्त भोजन की कमी, सूरज की रोशनी से दूरी, व्यायाम की कमी, प्रदूषण, डिब्बाबंद भोजन, कोल्ड्रिंक्स, धूम्रपान युवाओं को रोगों की ओर धकेल रहे हैं। इतना ही नहीं, स्वस्थ शरीर का असर तन, मन, समाज व आर्थिक सभी स्तरों पर देखने को मिलता है। एक शोध के अनुसार हर रोज 20 मिनट तेज गति से पैदल चलना कम उम्र में मृत्यु की आशंका 25 फीसदी तक कम कर देता है। दिमाग की क्षमता को बढाते हैं। शरीर में एंड्रोफिंस नामक हार्मोन तनाव को कम रखता है और वजन नियंत्रण में रहता है।
क्या है सक्रिय जीवनशैली
एक रिपोर्ट और विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशी में सक्रिय जीवनशैली को व्यायाम से जोड़ा गया है। हफ्ते में पांच दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करनेवालों या फिर हफ्ते में तीन दिन कम से कम 20 मिनट, कड़े शारीरिक परिश्रम वाला व्यायाम या दोनों करने वालों को सक्रिय रहने वालों में रखा जाता है। उम्र बढने के साथ पुरूषों की तुलना में महिलाओं की शारीरिक सक्रियता ज्यादा तेजी से घटती है।
व्यायाम ही काफी नहीं है
न्यूट्रिशन, एक्सरसाइज, व मेटाबॉलिज्म एक्सपर्ट कहते हैं, दिनभर में केवल एक समय व्यायाम करना काफी नहीं हैं। पूरें दिन बीच-बीच में खड़े होने से शरीर में वसा व शुगर का जमाव नहीं होता। लगातार बैठने से वह प्रक्रिया धीमी हो जाती है। शरीर की इंसुलिन ग्रहण करने की क्षमता भी घटती है। शोध कहते हैं, सक्रिय रहने वालों में स्तन व मलाशय कैंसर की आशंका 30 प्रतिशत तक, प्रोस्टेट कैंसर की 10 से 20 प्रतिशत और एंडोमीट्रिएल कैंसर के मामलों में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आ जाती है। डॉक्टर्स कहते हैं, लगातार बैठने से शरीर के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियां सिमटी रहती हैं। कंधे के जोड़ों में कमजोरी आती है। मांसपेशियों में सक्रियता की कमी के कारण शरीर ढंग से पोषक तत्व नहीं ले पाता।
स्विमिंग
स्विमिंग (तैराकी) एक अच्छा व्यायाम है। इससे हृदय गती सही रहती है, तनाव कम होता है, मांसपेशियों कि ताकत बढती है, वजन नियंत्रीत रहता है, जोड़ों व रीढ के दर्द से परेशान लोगों के लिए खासतौर पर यह अच्छा व्यायाम है। इसमें चोटिल होने की आशंका बहुत कम होती है।
क्या कहते है आकड़े
- 50 लाख लोगों की मृत्यु हर साल शारीरिक सक्रियता कमी से होती है।
- 10 प्रतिशत सक्रियता बढाने से हर साल करीब 5 लाख लोगों की मृत्यु कम हो सकती है।
- 20 प्रतिशत लोग ही हर रोज शरीर के लिए जरूरी व्यायाम करते है।
- 62 प्रतिशत कर्मियों को रोतमर्रा के शेडयूल में व्यायाम करना चुनौती भरा लगता है।
- 5 हजार अरब रूपये का बोझ विश्व अर्थव्यवस्था पर पड़ता है व्यायाम नहीं करने से।
- 48 फिसदी कर्मी मानते हैं कि, दोपहर के भोजन के बाद 30 मिनट पैदल चलने पर वह बेहतर काम कर पाते है।
- 9.3 घंटे औसतन हर दिन लोग बैठे रहकर बिताते है।
- 31.3 प्रतिशत वयस्क, सुस्त जीवनशैली जीते है।