नाक हमारे श्वसनतंत्र का सबसे पहला अंग है। यह गंध का भी बोध कराती है इसलिए यह एक प्रमुख इंद्रिय भी है। इसके कुछ लक्षणों को देखकर हम कई अंगों की क्रियविधि एवं स्थिती का पता लगा सकते हैं।
- नाक की टिप का रंग लाल होना : ब्लड प्रेशर बढने तथा हृदय रोग में ऐसा हो सकता है। अत्याधिक शुगर, एल्कोहल या अन्य पेय लेने वालों की नाक भी इस प्रकार की हो सकती है।
- सफेद नाक: लो बी. पी., हार्ट फेल्योर (हृदय का कम कार्य करना) एवं खून नाक भी बताती है स्वास्थ्य की अत्याधिक कमी से यह लक्षण उभरता है।
- नाक पर पीले-सफेद पिम्पल्स : अत्याधिक वसा एवं जंक फूड लेने वालों में ऐसे पिम्पल्स उभरते हैं। ये पाचन एवं उत्सर्जन तंत्र की गडबड के सूचक हैं।
- लाल या काले धब्बे : ये रक्तसंचरण एवं उत्सर्जन तंत्र की गडबडी से उत्पन्न होते हैं। अत्याधिक शुगर खाने वालों में भी यह लक्षण मिलता है।
- नाक का मोटा होना एवं सूजन : यदि कोई चोट न लगी हो और लंबे समय से नाक मोटी एवं सूजी हुई है तो यह, हृदय एवं किडनी की क्रियाविधी में गडबड की सूचक है।
- नाक की टीप का कठोर होना : हृदय, लिवर, स्प्लीन एवं प्रोस्टेट के आसपास फैट जमा होने पर यह लक्षण उभरता है। धमनियों एवं मांसपेशियों में कठोरता होना तथा वसा के जमने से भी नाक की टीप कठोर हो जाती है। नाक की टीप कठोर होने पर हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने की संभावना बहुत प्रबल हो जाती है।